भ्रामरी (हमिंग बी ब्रीथ)

भ्रामरी भ्रामरी (हमिंग बी ब्रीथ)

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भ्रामरी एक संस्कृत शब्द है। यह हिंदी शब्द भ्रामर से बना है जिसका अर्थ है भौंरा। जब हम इस मुद्रा का अभ्यास करते हैं तो हमें मधुमक्खी जैसी आवाज आती है। इस मुद्रा का अभ्यास गुनगुनाती आवाज में सांस लेते हुए किया जाता है। इसकी प्रक्रिया के कारण इसे हमिंग बी ब्रीद पोज कहा जाता है। यह प्राणायाम तनाव, चिंता, अवसाद और क्रोध को कम करने में मदद करता है। भ्रामरी के आसन से आपके कान, नाक और आंखों को आराम मिलेगा। यह थकान और दबाव के महत्वपूर्ण लक्षणों को ठीक कर सकता है। यह आत्मा को आराम देगा और आपको सामान्य रूप से हल्का महसूस कराएगा। भ्रामरी इंस्टेंट स्ट्रेस बस्टर का काम करती है। इस आसन को हम दिन में किसी भी समय कर सकते हैं। हालांकि सर्वोत्तम परिणाम के लिए निकासी के बाद सुबह जल्दी योग का अभ्यास करने का सुझाव दिया गया है। इस मुद्रा का अभ्यास सोने से पहले या सुबह जल्दी किया जा सकता है। भ्रामरी मुद्रा को तीन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है: ए) बेसिक भ्रामरी बी) साइलेंट भ्रामरी सी) भ्रामरी शनमुखी मुद्रा के साथ।
यह योग मुद्रा कल्पना और जागरूकता के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित करती है। यह आपको उदासी, घबराहट, चिंता आदि की अप्रिय भावना को दूर करने में मदद करेगा। भ्रामरी प्राणायाम के माध्यम से अपने श्वास पैटर्न को समझना आपकी चिंता और तनाव से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है।